कुछ संस्थानों के छात्र कोविड-19 के दौरान लैब मे रिसर्च कर रहे हैं। उन्हें भी फेलोशिप नही मिल पा रही है जिसके कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अनेक शोधार्थियों ने यह भी बताया है कि वो लॉकडाउन के कारण अपनी एनुअल रिसर्च प्रोग्रेस रिपोर्ट जमा ही नहीं कर पाए हैं। फारवर्ड प्रेस की खबर
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दिल्ली और उत्तर भारत के राज्यों से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक आने वाले दिनों में अकादमिक और बौद्धिक के कई बड़े सम्मेलन, संगोष्ठियां और विचार-विमर्श के कार्यक्रम हो रहे हैं। इस हफ्तावार कॉलम में पढें आगामी आयोजनों का सिलसिलेवार ब्यौरा
यूजीसी ने कथित तौर पर ‘मान्यता प्राप्त’ पत्र-पत्रिकाओं की सूची बनाने की प्रक्रिया में बदलाव का निर्णय लिया है। अब यह काम स्टैंडिंग कमेटी के बजाय एक दूसरी समिति करेगी। यूजीसी ने इसे केयर की संज्ञा दी है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
The UGC has announced a change in the process of drawing up lists of ‘approved’ journals. Now, a committee, called CARE, will do this job instead of the standing committee of the commission. Forward Press reports
यूजीसी ने अपनी सूची से जहां कुछ कमजोर पत्रिकाओं को बाहर किया है, वहीं अनेक ऐसी पत्रिकाओं को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है, जो उच्च रचनात्मकता और गुणवत्ता पूर्ण शोध के लिए जानी जाती हैं। प्रगतिशील और जातिवाद विरोधी रूझान रखने वाली इन पत्रिकाओं को मान्यता प्राप्त सूची से बाहर करने का निर्णय महज संयोग नहीं है
Among the delisted magazines and journals are those with poor content but there also those known for their highly creative and quality research. It is not a coincidence then that journals and magazines taking a progressive and anti-casteism stand have faced the axe
पिछड़ी जातियों के प्रसंग हिन्दी साहित्य में मौजूद हैं, मगर हिन्दी आलोचना से अनुपस्थित। यदि सामाजिक विज्ञान के सिद्धांतकार इस पक्ष पर कोई सिद्धांत लेकर आते तो संभव है हिन्दी में शोध-कार्यों की भरमार लग जाती
Issues relating to backward castes are present in Hindi literature but are missing from Hindi criticism. Had the theoreticians of social sciences come out with a theory on this aspect, we probably would have witnessed a flood of such research in Hindi
पिछड़ा वर्ग आंदोलन पर शोध के लिए भारतीय सामाजिक विज्ञान अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली ने एक व्यापक शोध परियोजना शुरु की है
The ICCSR has launched a major project for research on the backward classes movement