आरएसएस का इतिहास जिस तरह से दूरगामी साजिशें करने का कोशिश रहा है, उसे देखते हुए अभी उसकी पूरी रणनीति का अनुमान लगा पाना कुछ कठिन है। फिलहाल, ऐसा लग रहा है कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से यह अहसास कराना चाहती है कि अब उनकी ही सरकार है, और अपने-अपने स्तर पर वो अपने विरोधियों से हर तरह से निपटकर उन्हें खत्म करें, नेस्तनाबूद करें, और ऐसा माहौल पैदा करें कि समाज भाजपा नेताओं से डरकर उनके आगे समर्पण कर दे और पूरी तरह से उनकी अधीनता स्वीकार कर ले। पढ़ें महेंद्र नारायण सिंह यादव का विश्लेषण :