आज़ादी मिलने के साथ ही यह तय हो गया था कि भारत का लक्ष्य समानता और न्याय आधारित मुल्क का निर्माण है, ताकि जिन्हें जाति के आधार पर सामाजिक तौर पर कमज़ोर बना कर रखा गया था, उन्हें सामाजिक न्याय, जिनकी मेहनत की कमाई दूसरे हमेशा लूटते आये थे, उन्हें न्याय मिले। लेकिन यह आज भी दिवास्वप्न के जैसा ही है। बता रहे हैं हिमांशु कुमार