‘मैंने वहां नौ साल बिताए हैं और अपनी आंखों से देखा है कि यूनिवर्सिटी में सालों से सरस्वती, दुर्गा और काली पूजा मनाया जाता है। लेकिन इससे पहले कभी कोई हंगामा नहीं हुआ था और सब कुछ शांति से हो रहा था। मगर इन दिनों कुछ लोग जानबूझकर धर्म के नाम पर हंगामा करना चाहते हैं और नफरत की आग में घी डालना चाहते हैं।’ अपने अनुभव साझा कर रहे हैं जेएनयू के पूर्व छात्र अभय कुमार