वर्तमान सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था के साथ छेड़छाड़ और छात्रवृत्तियों को समाप्त करने से कल्याणकारी राज्य की स्थापना तो दूर की बात है, यह एससी, एसटी, पिछड़ों व अल्पसंख्यक समुदायों में सरकार के प्रति रोष पैदा करेगा। जिस प्रकार उँची-नीची जमीन से अच्छी फसल पैदा नहीं हो सकती उसी प्रकार असमान विकास और संसाधनों के असमान वितरण से सामाजिक समानता व न्याय स्थापना नहीं हो सकती