हिन्दुत्ववादी तत्वों के लिए मुस्लिम और दलित समुदायों का खानपान समस्या क्यों है? शाकाहारी भोजन या मांसाहारी भोजन, व्यक्ति की मर्जी या जरुरत है। उसमें अन्य किसी का दखल क्यों होना चाहिए? क्या कोई दावे के साथ यह कह सकता है कि हिन्दू गाय का मांस नहीं खाते?