सुजाता पारमीता ने अपने अधिकारों के लिए अपने घर के अंदर संघर्ष किया और समाज के दमित वर्गों की लड़ाई भी लड़ी। उनके अनेक पहलों में शामिल थी ‘आह्वान’ रंग समूह की स्थापना, जिसे उन्होंने दिल्ली में सिक्ख-विरोधी दंगों की पृष्ठभूमि में गठित किया था, बता रहीं हैं उनकी पुत्री जुन्हाई सिंह