‘भारत में दलित आदिवासी के लिये काम करने वाले शख्स को जीवित नहीं छोड़ा जाता है। हालांकि आपको दलित और आदिवासी नेता बहुत मिलेगें, लेकिन दलित आदिवासियों के लिये जीने मरने वाले लोग बहुत कम मिलेंगे। सत्ता के निगाह में ऐसे लोग हमेशा खटकते हैं।’ फादर स्टेन स्वामी के निधन पर अनिल चमड़िया के इस संदेश के साथ पढ़ें अन्य दलित-बहुजन बुद्धिजीवियों की टिप्पणी