हाल के दिनों में आदिवासियों का सोहराई पर्व सुर्खियों में है। प्रो. रजनी मुर्मू ने इस पर्व के दौरान बढ़ती आदिवासी पितृसत्तात्मक वर्चस्व के संबंध में अपनी बातें कही थीं। इसके आलोक में पढ़ें जनार्दन गोंड का नजरिया
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