एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के लोगों को लगता है कि प्रतिनिधित्व की कमी के गंभीर परिणाम हैं। संवैधानिक न्यायालयों की नीतियों और न्यायशास्त्र में उनकी आवाज अनसुनी रहती है। वे संवैधानिक न्यायालयों के न्यायाधीशों के बीच प्रतिनिधित्व को हमारे लोकतांत्रिक संविधान के कामकाज की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक मानते हैं। बता रहे हैं जस्टिस वी. ईश्वरैय्या
The SCs, STs and OBCs feel that their lack of representation in the High Courts and the Supreme Court is one of the biggest failures of the working of our democratic Constitution. Their voice remains unheard in the policies and jurisprudence of these courts, writes Justice (retd) V. Eshwaraiah
लेखक अरविन्द जैन बता रहे हैं तमिलनाडु की जे. शर्मिला के बारे में जिन्होंने प्रसवाकाश को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी। यह लड़ाई उन्होंने जीती। लेकिन अब भी कानूनी उलझनें सुलझी नहीं हैं
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झारखंड में कई घटनायें सामने आयी हैं जिनमें आदिवासियों को नक्सली के नाम पर मार दिया गया। एक मामला 8 जून 2015 का है जब पुलिस ने 12 आदिवासियों को मार गिराया। अब इस मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआइ जांच का आदेश दिया है। इस मामले में एक आरोपी डीजीपी डी.के. पांडेय स्वयं हैं। फारवर्ड प्रेस की खबर :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
जेएनयू और डीयू के छात्रों के विरोध और हाईकोर्ट से मिली फटकार के बाद लगता है सरकार को समझ में आया कि उच्च शिक्षा के साथ वह मजाक नहीं कर सकती है। एमफिल और पीएचडी के छात्रों के दाखिले के लिए अब 2016 की यूजीसी की अधिसूचना में दूसरी बार संशोधन होने जा रहा है। पूरा माजरा बता रहे हैं कमल चंद्रवंशी :
फर्जी पुलिस एनकाउंटर के तर्ज पर झारखंड में पुलिस ने अपनी नाक ऊंची रखने के लिए क्या फर्जी सरेंडर कराया था? सीबीआई को इसी सवाल का जवाब खोजना है। झारखंड सरकार अड़ंगा डाल रही है। अब सबकी निगाहें झारखंड हाई कोर्ट पर टिकी है। फारवर्ड प्रेस की खबर
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने विभिन्न कॉलेजों में व्याख्याताओं की नियुक्ति में ओबीसी कोटे की वृद्धि कर दी है। इसे लेकर ऊंची जाति के लोग दलित और ओबीसी में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। ताबिश बलभद्र की रिपोर्ट :
Shivraj Singh Chouhan is going all out to please the OBCs. During recruitment of college lecturers, the SC quota is being trimmed to allow more seats for OBCs. Strangely, it is the upper castes protesting against this move