बहुजन मीडिया को मजबूत बनाए जाने की आवश्यकता है। दलित-बहुजन समाज के वे सक्षम लोग जो विज्ञापन दे सकते हैं, मुख्यधारा की मीडिया के बजाय बहुजन मीडिया संस्थानों को विज्ञापन दें। अधिक से अधिक लेखन करें और प्रसार करें। संजीव खुदशाह का विश्लेषण
–
बीते 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लक्ष्मण रेखा’ का उल्लेख किया। ‘लक्ष्मण रेखा’ मनुवादी शब्दावली का शब्द है। यह स्त्रियों को घर की चारदीवारी के भीतर सीमित कर देता है। हिंदी मीडिया भी पीएम के द्वारा संकेतों में दिए गए आदेश का पालन करने में जुटी है। बता रहे हैं सुशील मानव