देशभर के आदिवासी पांचवीं अनुसूची के मुद्दे पर एकजुट हो रहे हैं। आदिवासियों ने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासियों की घोर उपेक्षा कर रही है। पांचवीं अनुसूची का सख्ती से अनुपालन नहीं हो रहा है। आदिवासियों के मुद्दे पर राष्ट्रपति और राज्यपाल खामोश हैं और आदिवासी अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे हैं