दुर्गा द्वारा महिषासुर वध और दशहरे पर रावण के दहन को आदिवासी युवा अपनी अस्मिता का अपमान मानते हुए इस साल भी संगठित हो रहे हैं। उनका कहना है कि हिंदू अपने आदर्श दुर्गा और राम को पूजें, मगर असुरराज महिषासुर का वध और राजा रावण का दहन अब किसी भी कीमत पर हमें स्वीकार्य नहीं है। फॉरवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :