जिस तरह कभी-कभार कुछ चुनिंदा मसलों पर रक्षित सिंह और शांताश्री सरकार जैसे पत्रकारों के इस्तीफ़े होते हैं, उस तरह दलित-आदिवासी और पिछड़ों के मसलों पर कोई पत्रकार इस्तीफ़ा क्यों नहीं देता? सवाल उठा रहे हैं सुमित चौहान
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हाल ही में ‘एबीपी’ न्यूज के पत्रकार रक्षित सिंह ने इस्तीफे का एलान किसान आंदोलन के मंच से किया। उनके इस्तीफे को लेकर अभिव्यक्ति पर हमला से लेकर गोदी मीडिया तक तमाम बातें कही जा रही हैं। इस संबंध में अनिल चमड़िया यह सवाल उठा रहे हैं कि इस्तीफा देने वाले पत्रकार तब इस्तीफा क्यों नहीं देते जब उनके संस्थान में जातिगत भेदभाव किया जाता है
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया है। कयास लगाया जा रहा था कि भाजपा कुशवाहा की मांग पर विचार करेगी और बिहार में उन्हें सम्मानजनक सीटें देने पर राजी हो जाएगी। परंतु, ऐसा नहीं हो सका