जब काका कालेलकर आयोग बना, तो उसकी उन्हें भारी प्रसन्नता हुई थी, पर जब सरकार ने उसकी रपट को खारिज किया, तो यह उनके लिए बहुत बड़ा आघात था। अतः उन्होंने सरकार की इस पिछड़ा वर्ग विरोधी राजनीति का पर्दाफाश करने के लिए इस किताब की रचना की। बता रहे हैं कंवल भारती