4 फरवरी 1922 को चौरी-चौरा में घटी घटना न केवल भारतीय इतिहास, बल्कि विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। पहली बार सुभाष चंद्र कुशवाहा ने तथ्यों, देशी-विदेशी दस्तावेजों और लोक में चौरी-चौरी की स्मृति को आधार बनाकर एक विश्वसनीय इतिहास ‘चौरी चौरा : विद्रोह और स्वाधीनता आंदोलन’ लिखा है। बता रहे हैं सिद्धार्थ