यह आलेख ‘आत्मसम्मान आंदोलन’ के एक कार्यक्रम में पेरियार द्वारा 1944 में दिए गए एक भाषण का लिखित रूप है। यह भाषण पुस्तकाकार भी प्रकाशित हुआ। इसके प्रारंभ में उन्होंने एक भूमिका भी लिखी है। प्रस्तुत है, आने वाली दुनिया के बारे में पेरियार की सोच
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