साहित्यिक, बौद्धिक और अकादमिक जगत कबीर की रचनाओं को आज याद करके सामाजिक सौहार्द कायम करना चाहता है। एक विमर्श उनकी जाति को लेकर भी है। यह विमर्श दिल्ली विश्वविद्यालय में होगा। इसके अलावा कमल चंद्रवंशी का हफ्तावार कॉलम में बता रहे हैं देश के विभिन्न प्रांतों के शैक्षणिक संस्थाओं में होने वाले आयोजनों के बारे में