ब्राह्मणवादी विचारधारा के लोग गीता को एक महान दार्शनिक ग्रंथ मानते हैं, जबकि आंबेडकर उसे बौद्ध दर्शन को पराजित करने लिए रची गई एक प्रतिक्रियावादी किताब मानते हैं। संघ-भाजपा की सरकार गीता को एक राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की कोशिश कर रही है, क्या है गीता की असलियत बता रहें, ईश मिश्र :