जन्म से लेकर मृत्यु तक आचार-संहिताओं की हथकड़ियों-बेड़ियों में जकड़ी हुई स्त्री पर अब जन्म से पूर्व ही अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है। लाखों की संख्या में प्रत्येक वर्ष गर्भ में ही लड़कियों की हत्या कर दी जाती है, बेटी की हत्या की कीमत पर भी बेटे की चाहत का कारण क्या है, विश्लेषण कर रही हैं, शुभा :