विश्वविद्यालय के बजाय विभागवार आरक्षण का विरोध तेज हो गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संघों के अलावा अन्य संगठनों ने इसका विरोध किया है। उनकी मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ फिर से पुनर्विचार याचिका दाखिल करे
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