आज का हिन्दुस्तानी समाज साफतौर से दो तबकों में बंटा हुआ है – शोषक और शोषित। हरिजन, आदिवासी, मुसलमान और पिछड़ी जातियां शोषित हैं। तमाम ऊंची जात वाले शोषक हैं। शोषित सौ में नब्बे हैं, शोषक सौ में दस हैं। इन दोनों वर्गों में स्वार्थ की दृष्टि से इनमें कहीं समझौते की गुंजाइश नहीं है।’ पढ़ें, 2 अप्रैल, 1970 को बिहार विधानसभा में जगदेव प्रसाद का ऐतिहासिक संबोधन