The chief of the Suheldev Bharatiya Samaj Party says the SP-BSP alliance collapsed only because of the CBI’s sword hanging over the head of Mayawati’s brother Anand. Talking to Forward Press, he termed the alliance a successful experiment
साफ़-साफ़ शब्दों में कहें तो बसपा प्रमुख मायावती के भाई आनंद की गर्दन पर लटकी सीबीआई की तलवार की वजह से यह गठबंधन टूटा। सपा और बसपा के बीच गठबंधन एक सफल प्रयोग था जिसे खत्म कर दिया गया। फारवर्ड प्रेस से विशेष बातचीत में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर
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लेखक जुबैर आलम बता रहे हैं कि ओबीसी नेतृत्व में आपको हिन्दू नेता मिल जायेंगे लेकिन आपको ठीक से चार मुस्लिम नेता भी नहीं मिलेंगे जिनकी पहचान ओबीसी नेता की हो। ओबीसी के स्थापित नेतागणों को बताना चाहिए लगभग तीस साल के इस सफर में आखिर क्यों मुस्लिम समुदाय से ओबीसी नेतृत्व सामने नहीं ला पाये?
बसपा के पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद के मुताबिक, कांशीराम ने दलितों और ओबीसी के बीच एक विश्वास कायम किया था। उस विश्वास को मायावती तोड़ रही हैं
लेखक बापू राऊत के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन की हार की एक बड़ी वजह यह रही कि मायावती ने खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दिया। आज भी यह देश एक दलित को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकारने को तैयार नहीं है
Premkumar Mani explains how the Modi wave decimated the Congress and its allies in the Lok Sabha elections and why Nitish Kumar is unhappy despite the NDA winning 39 of the 40 seats in Bihar
प्रेमकुमार मणि अपने इस विश्लेषण में बता रहे हैं कि कैसे देश में नरेंद्र मोदी की राजनैतिक आंधी बही और कांग्रेस व उसकी सहयोगी पार्टियों को करारी हार मिली। वे यह भी बता रहे हैं कि बिहार की 40 में से 39 सीटों पर जीत के बावजूद नीतीश कुमार के चेहरे पर उदासी क्यों है
उत्तर-प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के हाथ मिलाने की खबर आ रही है। वहीं कांग्रेस से दूरी बनाए रखने की भी बात सामने आ रही है। आखिर क्या वजह है कि सपा-बसपा नहीं चाहती कि कांग्रेस उनके गठबंधन में शामिल हो
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
आगामी 9 दिसंबर 2018 को शिवपाल यादव और वामन मेश्राम ने संयुक्त रूप से लखनऊ में महारैली का आह्वान किया है। इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। फारवर्ड प्रेस की खबर :
Given its recent successes in the recent UP by-polls, the alliance has political potential as long as it adheres to the broader agenda of social justice laid out by Dalitbahujan icons Phule, Ambedkar and Periyar, write Sanjay Kumar and Badre Alam
उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनावों में दलित-ओबीसी शक्ति को मिली जबरदस्त सफलता बहुत मायने रखती है। इस जीत को देखते हुए यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक दावेदार बन कर उभरा है, साथ ही इससे सामाजिक न्याय के व्यापक एजेंडे का आधार तैयार होने का भरोसा मिला है। ऐसा भरोसा जिसकी नींव बहुजनों के जागरण के प्रतीक पुरुषों ने रखी थी। एक पड़ताल