‘आज देश में सरकारें देश चलाने के बदले साजिशें रच रही हैं ताकि कैसे बहुसंख्यक वर्ग, जिसमें पिछड़े, दलित, आदिवासी, पसमांदा मुसलमान, दलित ईसाई सब शामिल हैं, को शासन-प्रशासन से अलग रखा जाय। इसके लिए मौजूदा केंद्र सरकार जिस तेज़ी से सरकारी संस्थानों को प्राइवेट हाथों में सौंप रही है, उससे निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू किया जाना और भी ज़्यादा ज़रूरी हो गया है।’ पढ़ें, यह खबर