डॉ. रतन लाल की ‘राजनीतिक गिरफ्तारी’ को देश में बहुजनों की राजनीति को भयभीत करने के एक औजार के रुप में देखा जाना चाहिए। इस ‘राजनीतिक गिरफ्तारी’ के विरुद्ध लोकतंत्र व संविधान में भरोसा करने वाले लोग व समूह खड़े दिख रहे हैं। यह सुखद है। पढ़ें, अनिल चमड़िया की टिप्पणी