Travelogues and fresh archaeological evidence point to Ayodhya being a Buddhist centre for centuries, before Brahmanism displaced Buddhism, ironically, when the Mughals were in power. Kashi and Mathura likely followed a similar trajectory
ऐतिहासिक यात्रा विवरणों और ताज़ा पुरातात्विक साक्ष्यों से यह साफ़ है कि अयोध्या सदियों तक बौद्ध नगरी थी और मध्यकाल में वहां बौद्ध धर्म का स्थान ब्राह्मणवाद ने ले लिया। यह विडंबना ही है कि यह मुग़ल काल में हुआ। ऐसी प्रबल संभावना है कि काशी और मथुरा में भी यही घटनाक्रम हुआ होगा
–
दिल्ली, मुबंई, अजमेर, रायपुर के विभिन्न संस्थानों में अकादमिक और बौद्धिक जगत के विद्वान अनेक सभा-सम्मेलनों में मिलने वाले हैं। इनके अलावा चेन्नई के चेपक स्थित मद्रास विश्वविद्यालय के स्कॉलर्स महिलाओं के हाशिए पर छूट गए अध्ययनों पर विचार करेंगे। इस हफ्तेवार कॉलम में पढें आगामी आयोजनों का ब्यौरा
उत्तर प्रदेश में अति पिछड़े और सर्वाधिक पिछड़े वर्ग के 38 प्रतिशत वोट हैं और आगामी लोकसभा चुनाव में यह वोट बैंक उस पार्टी की नैया पार लगा सकता है, जो उप वर्गीकरण को हरी झंडी दिलाएगी। पढ़ें, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर से खास साक्षात्कार :
Vineet Kumar Maurya, a resident of Ayodhya, claims that excavations at the disputed site had unearthed remains from the Ashokan era linked to Buddhism. The Supreme Court has admitted his petition. Edited excerpts of an exclusive interview with Vineet Kumar Maurya
अयोध्या, उत्तर प्रदेश के निवासी विनीत कुमार मौर्य ने यह दावा किया है कि विवादित जमीन की जब खुदाई हो रही थी तब जो अवशेष मिले थे, वे बुद्ध से जुड़े व सम्राट अशोक के समकालीन थे। सुप्रीम कोर्ट में इनके द्वारा याचिका की सुनवाई को स्वीकृति मिल गयी है। पढ़ें विनीत कुमार मौर्य से एक्सक्लूसिव साक्षात्कार का संपादित अंश :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
बीते 25 नवंबर 2018 को तमाम प्रयासों के बावजूद विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना अयोध्या में भीड़ नहीं जुटा सकी। जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला टाले जाने के बाद संघ और भाजपा के नेताओं द्वारा उन्माद बढ़ाने वाले बयान दिए गए। बता रहे हैं सुशील मानव :
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना के कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में बसपा प्रमुख ने कहा है कि यह भाजपा की साजिश है। वहीं उन्होंने भीम आर्मी पर बिकाऊ होने का आरोप लगाया है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
Before the Babri masjid / Shriramjanambhoomi dispute could be resolved, the then chief minister Mulayam Singh Yadav, on 3 October 1990, upgraded the Tedhi Bazar police chowki under Kotwali Police Station to a police station and named it ‘Thana Shriramjanambhoomi’
अभी बाबरी मस्जिद/श्रीराम जन्मभूमि का विवाद सुलझा ही नहीं था कि सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने तीन अक्टूबर, 1990 को कोतवाली अयोध्या अंतर्गत टेढ़ीबाज़ार पुलिस चौकी का नाम बदलकर थाना श्रीरामजन्मभूमि कर दिया