इंसानों के किसी समुदाय को अछूत माना जाता है, यह तथ्य मुझे डॉ. आंबेडकर के माध्यम से पता चला। श्रीनारायण गुरु और अय्यंकाली ने मुझे जाति विरोधी बनाया। विवेकानंद से जाति से नफरत करना सीखा। यह सब वासंती देवी के प्रश्न के जवाब में बता रहे हैं, पी.एस. कृष्णन :