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बिहार विधान सभा में इस बार अध्यक्ष का पद भाजपा के विजय कुमार सिन्हा के पास है। वे हिंदुत्व के एजेंडे को लागू करने में जुट गए है। इसी क्रम में पहली बार विधान सभा के पुस्तकालय में सरस्वती पूजा आयोजित की गई। बता रहे हैं वीरेंद्र यादव
बीते सप्ताहांत दिल्ली में लाल किले के सामने चांदनी चौक इलाके में रातों-रात एक हनुमान मंदिर बना दिया गया। इसके पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने बीच सड़क बने एक पुराने मंदिर को हटाने का आदेश दिया था। अब रातों-रात बने हनुमान मंदिर के समर्थन में सभी राजनीतिक दलों के नेता उतर आए हैं। इस घटनाक्रम के बहाने भारतीय राजनीति में हो रहे बदलाव को रेखांकित कर रहे हैं भंवर मेघवंशी
असम में चुनाव होने हैं। वहां के चाय श्रमिक जिनमें अधिकांश आदिवासी हैं, अपने संवैधानिक दर्जे के लिए संघर्षरत हैं। उनका कहना है कि पिछली बार भाजपा ने उनके साथ ठगी की। बता रहे हैं राजन कुमार
डॉ. रामविलास शर्मा के विचारों को विस्तार देते हुए कंवल भारती मानते हैं कि भारत में यदि फासिस्ट तानाशाही कायम होती है, तो इसकी एकमात्र जिम्मेदारी, कम्युनिस्ट पार्टी में मौजूद, ऊंची जाति पर होगी, और ऊंची जाति में भी सबसे ज्यादा ब्राह्मण वर्ग पर
बिहार में भाजपा को जो जीत मिली है उसमें पिछड़े वर्ग की जातियों की अहम भूमिका है। ये वो जातियां हैं जो सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक क्षेत्रों में निचले पायदान पर हैं। बता रहे हैं बापू राउत
धर्मनिरपेक्षता की राजनीति आरएसएस के लिए सबसे आसान है। हालांकि इस स्थिति के निर्माण के लिए उसने लंबे समय से राजनीतिक अभियान चलाया है और बहुजन युवाओं को हिन्दू उन्मादी बना दिया है। ऐसे में तेजस्वी यादव की रणनीति ने एक नई राह दिखाई है। कंवल भारती का विश्लेषण
जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म के पृथक कोड को लेकर चल रहे आंदोलन को एक नया मुकाम हासिल हुआ है। झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार की पहल पर विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव का आशय यही है कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं। उनका अपना धर्म और अपनी पहचान है। विशद कुमार की खबर
बिहार चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में नई सरकार के गठन की अब महज औपचारिकता शेष है। इस चुनाव में तेजस्वी प्रसाद यादव की मेहनत को विजयी पक्ष भी स्वीकार कर रहा है। लेकिन परिणाम बताते हैं कि उनके प्रयास में कसर रह गई
बिहार में दो चरण के मतदान हो चुके हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के अपने दावे हैं। लेकिन बिहार के दलित-बहुजनों ने किस आधार पर वोट किया है, जायजा ले रहे हैं हुसैन ताबिश
The Hathras horror brought the Yogi Adityanath government of Uttar Pradesh into disrepute and alienated the Valmiki community. Sensing a threat to the Hindutva project, the government has decided to officially celebrate Valmiki Jayanti, with a special focus on recitations of the Ramayana in Valmiki localities, writes Kanwal Bharti
हाथरस में वाल्मीकि समाज की बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद देश भर में आक्रोश को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार अपने स्तर पर वाल्मीकि जयंती मना रही है। इस मौके पर वह वाल्मीकि समाज की बस्तियों में रामायण का पाठ भी करवा रही है। इसके पीछे सरकार की मंशा क्या है, बता रहे हैं कँवल भारती