लेखक संजीव चंदन बता रहे हैं कि केरल उच्च न्यायालय के ब्राह्मण जज वी. चितम्बरोश द्वारा ब्राह्मणों को श्रेष्ठ बताया जाना सरासर झूठ है। ब्राह्मण न केवल प्रारंभ से ही हिंसक, आक्रामक, कर्मकांडी व परजीवी बल्कि मांसाहारी भी रहे हैं। मार्कंडेय पुराण में ब्राह्मणों द्वारा गो-मांस खाये जाने का उल्लेख भी है
–
उत्तर-मध्य रेलवे का इलाहाबाद मंडल, एक ऐसा मंडल बन गया है जहां शीर्ष के सभी अधिकारी सवर्ण हैं। इनमें भी सबसे अधिक ब्राह्मण हैं। यह महज संयोग नहीं है, इसका कनेक्शन संघ से जुड़ा है
In the Allahabad Division of the North Central Railways, all the top officers are savarnas and among them, Brahmins outnumber the others. This is not a mere coincidence. The Sangh is said to be behind it
अब तक 48 लोगों को भारत रत्न सम्मान मिला है। इनमें 41 द्विज हैं। इनमें भी ब्राह्मण जाति के लोगों की संख्या सबसे अधिक 31 है। दूसरी जिस जाति के लोगों को यह सम्मान मिला है, वह कायस्थ जाति है। इस जाति के 4 लोगों को यह सम्मान मिला है
‘जाति का विनाश’ में डॉ. आंबेडकर ने यह स्पष्ट उल्लेख किया कि किस तरह हिंदू धार्मिक ग्रंथ न केवल कपोल-कल्पित मिथकों से भरे पड़े हैं, बल्कि यह भी कि जाति व्यवस्था के निर्माण व वर्चस्व बनाये रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कंवल भारती का विश्लेषण :
Dr Ambedkar, in ‘Annihilation of Caste’, says that the Hindu religious scriptures are overflowing with fanciful mythological tales. Moreover, these tales were used to build and sustain the caste system, writes Kanwal Bharti
कांग्रेस पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के खून में ब्राह्मणों का डीएनए है। इसके पहले वे राजीव गांधी एवं राहुल गांधी को जनेऊधारी द्विज साबित कर चुके हैं। उन्होंने ब्राह्मण सम्मेलन में ब्राह्मणों से कई वायदे किये और उनका गुणगान किया। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics