काफी समय बाद नागपुर विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में जाना हुआ तो ज्ञात हुआ कि टाकभौरे जी आंबेडकरी विचारों को लेकर पीएचडी कर रहे है। हालांकि उनकी पीएचडी पूरी नहीं हो पाई। लेकिन यह देख कर आश्चर्य होता है कि एक 70-80 साल का बुजुर्ग इस उम्र में भी पढ़ाई कर रहा है। स्मरण कर रहे हैं संजीव खुदशाह
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‘मगहर’ पत्रिका के संपादक, एक दर्जन से अधिक किताबों के लेखक, रचनाकार, कवि, समीक्षक और अनुवादक रहे मुकेश मानस का निधन बीते 4 अक्टूबर, 2021 को हो गया। उनसे जुड़ी अपनी स्मृतियों को साझा कर रही हैं पूनम तुषामड़
प्रसिद्ध विचारक व फुलेवादी साहित्य की पैरोकार डॉ. गेल ऑम्वेट का निधन हो गया है। उनके निधन पर देशभर के दलित-बहुजन बुद्धिजीवियों ने दुख व्यक्त किया है