यद्यपि गाडगे बाबा स्वयं अशिक्षित थे। लेकिन उन्होंने बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान महान है। मंदिरों की पूजा व्यर्थ है। ज्ञानार्जन ही पूजा है। उन्होंने कहा कि ज्ञान अर्जित करो, इसके बल पर समाज को गरीबी और दुख दर्द से छुटकारा दिलवाओ। स्मरण कर रहे हैं राजेंद्र प्रसाद