बसपा समर्थक चंद्रशेखर के इस कथन को कि “मायावती अपने रास्ते से भटक चुकी हैं”, को यह कहकर खारिज करते हैं कि स्वयं चंद्रशेखर के पास कोई जनाधार नहीं है। वहीं राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि यदि अखिलेश यादव की पार्टी के साथ चंद्रशेखर की पार्टी का गठबंधन हो जाता तो यह मुमकिन था कि वह इस चुनाव का अहम चेहरा होते। असद शेख की खबर