गंदे नालों और सेप्टिक टैंकों की सफाई करने वाले कौन हैं, यह सभी जानते हैं। इस घृणित कार्य को करने के लिए भारतीय समाज आज भी वाल्मीकि, मेहतर व भंगी जातियों को मजबूर करता है। इन समाजों के लोगों के पास रोजगार के दूसरे विकल्प नहीं हैं। यदि वे कुछ करने का प्रयास भी करते हैं तो उनकी जाति आड़े आती है। बता रहे हैं जनार्दन गोंड