महिलाओं और किशोरों के लिए चल रहे सुधार और संरक्षण गृहों में रहने वाले आवासियों के लिए हालात दिन-ब-दिन खराब हो रहे हैं। क्या दिल्ली से इसके लिए कोई रास्ता तैयार हो सकता है? संभावना बहुत प्रबल है क्योंकि हाईकोर्ट ने रोज के झमेले को खत्म करने के लिए अरविंद जैन को न्यायमिंत्र बनाया है
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सरकार और संवैधानिक संस्थाओं पर जुमलों से शासन करने का आरोप नया नहीं है। ‘सबका साथ सबका विकास’ की तर्ज पर यूजीसी ने उच्च शिक्षा में हिमायत की और ‘सबके लिए समान योग्यता’ पैमाने से मापजोख करनी चाही। कोर्ट ने उसे फटकारा कि ऐसे में तो एससी, एसटी, ओबीसी और कमजोर तबकों के छात्र ही इस प्रणाली से छिटक जाएंगे। फारवर्ड प्रेस की खबर
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