देश के बौद्धिक, अकादमिक जगत में संविधान, सामाजिक अधिकारों पर विमर्श के अलावा विश्व हिंदी दिवस की तैयारी, कबीर आंदोलन, गुरु नानक की यात्राएं, मिथकीय चरित्रों पर लिखे साहित्य से लेकर नेमीचंद जैन और अमृतलाल नागर के योगदान पर चर्चा होने वाली है। इसके अलावा भी बहुत कुछ है आगामी आयोजनों में, बता रहे हैं कमल चंद्रवंशी