भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी को दुनिया में पहचान और प्रतिष्ठा दिलाने वाले इस महान खिलाड़ी को अपने जीवनकाल में समाज और सरकार दोनों की बेरूखी का सामना करना पडा। एक बार अहमदाबाद के हॉकी मैच में लोगों ने उन्हें पहचाना तक नहीं। उनका अंतिम समय आर्थिक तंगी में गुजरा लेकिन सरकार ने उनकी कोई सुध न ली