देव कुमार झारखंड के मेधावी युवा हैं। वे कुरमी जनजाति समुदाय के हैं तथा वर्तमान में झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित एक संस्थान से संबद्ध हैं। उन्होंने विलुप्त हो रहे बिरहोर नामक आदिम जनजाति की भाषा को संरक्षित करने के लिए एक शब्दकोश बनाया है। बता रहे हैं विशद कुमार