डॉ. लोहिया समानता में विश्वास करते थे। उनके लिए जाति के खिलाफ लड़ाई आर्थिक व राजनीतिक लड़ाई से अलग नहीं थी। वे महिलाओं के अधिकारों के भी बड़े हिमायती थे। उनका मानना था कि अन्याय के खिलाफ हर मोर्चे पर लड़ाई होनी चाहिए। बता रहे हैं अभय कुमार
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