महाश्वेता देवी ने अस्पृश्यों की तो उपेक्षा की, किन्तु अपना रचना कर्म अस्पृश्यों की भाँति ही शोषित, उपेक्षित आदिवासियों पर केन्द्रित कर भारत की हैरियट स्टो बन गयीं। जिस तरह हैरियट स्टो कालों को दास-प्रथा से निजात दिलाने के ले लिए तन-मन-धन से उनके साथ जुड़ गयीं, वही काम भारत में महाश्वेता देवी ने आदिवासियों के लिए किया