उत्तर बिहार के आधा दर्जन से अधिक जिलों में इंसेफेलाइटिस हर साल बड़ी संख्या में मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाता है। इनमें से अधिकांश दलित-बहुजन होते हैं। इसका एक कारण स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली है, बता रहे हैं हुसैन ताबिश
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सौ से अधिक बच्चों की मौत के बाद बिहार सरकार की नींद खुली। अब स्थिति में सुधार दिखने लगे हैं। पिछले दो दिनों में मुजफ्फरपुर में केवल एक बच्चे की मौत हुई है
बीते 18 जून के पहले बिहार के एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाग में सीनियर रेजीडेंट डाक्टर की तैनाती नहीं थी। स्वास्थ्य महकमे की नींद तब खुली जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहां का दौरा किया
The paediatrics department of SKMCH, Muzaffarpur, did not have a single senior resident doctor till 18 June. The state health department woke up from its slumber after Chief Minister Nitish Kumar visited the hospital that day
बिहार में इंसेफलाइटिस के कारण अब तक 108 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश दलित-पिछड़े हैं। पढ़ें, फारवर्ड प्रेस की खास रिपोर्ट