केंद्र सरकार के विधेयक को लोकसभा में पारित किया जा चुका है। अब राज्यसभा में इसका विरोध करने की तैयारी है। विपक्ष के मुताबिक सरकार की इस नीति के शिकार सबसे अधिक दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चे होंगे
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