पिछड़े मेहनत-मशक्कत की मिसाल हैं और इस देश की सारी समृद्धि के कर्ता वे ही हैं, लेकिन उन्होंने अपने हिस्से में इतनी बुरी चीज चुनी और उसे ढो रहे हैं। इस मुख्यधारा का कोई भी नैरेटिव उनको सम्मान नहीं देता। बता रहे हैं रामजी यादव
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