प्रधानमंत्री पद की राह में जाति प्रथा का कलंक हमेशा बाबूजी के लिए अवरोध बना रहा। राजनीति में लंबी पारी और उत्तरोत्तर आगे बढऩे वाले जगजीवन राम षडय़ंत्र के शिकार हुए परन्तु दलित समाज के शासन-प्रशासन में हिस्सेदार बनने का जो सपना डॉ आंबेडकर ने देखा था, उसे बाबूजी ने पूरा किया