मीडिया के चरित्र पर सवाल उठाना अच्छी बात है। उसे मनुवादी कह देना भी ठीक ही है। उसमें वर्गीय और जातीय विविधता का नहीं होना बताना भी कोई गलत बात नहीं है। मीडिया का ऐसा चरित्र उजागर भी होता रहता है। परंतु यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि मीडिया की कोई स्थायी प्रवृत्ति नहीं रही है। बता रहे हैं भंवर मेघवंशी
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भाषा एक राजनीतिक औजार हैं। भारतीय समाज में सत्ता संचालित करने वालों को इससे फर्क पड़ता है कि वह जिन लोगों के बीच अपनी पैठ बनाएं हुए हैं उनके बीच समझी जाने वाली भाषा में कौन क्या संबोधित कर रहा है। बता रहे हैं अनिल चमड़िया
Language is a political instrument. In Indian society, who is saying what to the people in their zone of influence in a language understood by them matters to those in power, writes Anil Chamadia