तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर 25 मांगों का एक पत्र सौंपा। इनमें अधिकांश मांग दलित-बहुजनों से जुड़े हैं। इसके साथ ही पढ़ें, गत सप्ताह की कुछ खास खबरें
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उत्तर प्रदेश और बिहार के इलाके में गंगा में उतराती लाशों व गंगा के किनारे दफन लाशों को लेकर सवाल उठाया जा रहा है। सवाल यह कि ये लाशें किनकी हैं। सुशील मानव बता रहे हैं कि दफन अथवा नदियों में प्रवाहित करने की परंपरा दलित-बहुजनों की रही है
Bodies floating in the Ganga in Uttar Pradesh and Bihar and buried on the banks of the river have kicked up a big row. Who are these dead? Dalitbahujans traditionally bury their dead or consign them to the rivers, says Sushil Manav
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के मल्लाह, निषाद, केवट और मछुआरा आदि जातियों के लोग धरने पर बैठे हैं। उन्होंने पीएम को पत्र लिखकर अपने पारंपरिक पेशे को बचाने की गुहार लगाई है
बिहार की राजधानी पटना में सभ्यता द्वार बनाया गया है। बीते 21 मई को इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से बना यह द्वार बिहार के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है। इसका ऐतिहासिक संदर्भ बता रहे हैं राजेंद्र प्रसाद सिंह :
Chief Minister unveiled this Rs 50 million gate that is supposed to symbolize Bihar’s glorious history. Rajendra Prasad Singh writes about its historical references