बहुजन कवि घाघ-भड्डरी, जिन्होंने खगोल, भूगोल और कृषि संबंधी जानकारियों को सरलतम शब्दों में लोगों के सामने रखा, उनके बारे में द्विज भ्रम फैलाते रहते हैं। इस क्रम में वे अपनी ही मान्यताओं को खारिज करते हैं। बता रहे हैं रामजी यादव
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