‘यह ओबीसी और बहुजन साहित्य भला क्या है? एक प्रभुताशाली सुविधाभोगी वर्ग है और एक वंचित और शोषित समुदाय है, उसमें दलित हो, ओबीसी या बहुजन समुदाय हो, सबको एक ही जगह रखना चाहिए। साहित्य हमेशा वंचितों व शोषितों के पक्ष की बात करता है और उनके साथ खड़ा होता है।’ पढ़ें, प्रसिद्ध साहित्यकार सुधा अरोड़ा से यह बातचीत