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गोंड विचारक डा. सूर्या बाली के मुताबिक बात दो सौ रुपए की नहीं है। असल में गोंड समुदाय के लोग अब अपनी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं को लेकर जागरूक हो चले हैं। उन्होंने उन पर थोपी जा रही परंपराओं का विरोध शुरू दिया है
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक दादा हीरा सिंह मरकाम का निधन बीते 28 अक्टूबर को हो गया। आज गोंड भाषा, संस्कृति और साहित्य के अध्येता आचार्य मोतीरावण कंगाली की पुण्यतिथि है। इन दोनों शख्सियतों को कोइतूर समुदाय के लोग “हीरा-मोती” कहते थे। इनके योगदानों को याद कर रहे हैं डा. सूर्या बाली
Nand Kumar Baghel says that people of Tumarkhurd were against the decision of the state government to build a Ram temple. That is the reason they have erected an Ashok Stambh and laid the foundation stone of a Buddha Vihar at the place designated for the temple
नंद कुमार बघेल के अनुसार लोग राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ थे। तुमाखुर्द के जिस जगह पर राम-लक्ष्मण की मंदिर बनाने की योजना राज्य सरकार ने बनाई थी लोगों ने वहां अशोक स्तंभ स्थापित कर बौद्ध विहार का शिलालेख लगा दिया है। तामेश्वर सिन्हा की खबर
भारत में होली का मूल स्वरुप और वैज्ञानिक अवधारणा शायद ही कोई जानता हो। सूर्या बाली बता रहे हैं कि यह कोइतुरों का शिमगा सग्गुम पर्व हैं, जो वास्तव में हिंदुओं का नहीं बल्कि कोइतूरो का शुद्ध कृषि प्रधान त्यौहार है, जिसके पीछे एक विज्ञान भी है
डॉ. कंगाली ने अपना पूरा जीवन कोया पुनेम दर्शन की खोज और इसका लेखन करने में लगाया। आज उन्हीं के प्रयासों से भारत के पूरे कोइतूर समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का एक नया तूफान उठ खड़ा हुआ है। बता रहे हैं संजय श्रमण जोठे
गोंड संस्कृति व परंपराओं से शेष भारत लगभग अपरिचित है। इसकी एक वजह भाषागत विभिन्नता भी है। समीक्षित पुस्तक इस विभिन्नता को कम करने का प्रयास करती है। भारत के मूलनिवासियों से जुड़ी लोक-कथाओं, मान्यताओं और मौखिक इतिहास को समेटे यह किताब अध्येताओं व शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है। बता रहे हैं नवल किशोर कुमार
भारत में वर्चस्ववादी संस्कृति के सबसे बड़े केंद्र बनारस में गोंड समुदाय के लोगों ने अपनी परंपराओं और संस्कृति को लेकर सवाल उठाये। बिरसा मुंडा की 144वीं जयंती के मौके पर आयोजित गोंडी धर्म संसद के दौरान यह मांग भी रखी गयी कि गोंडी धर्म को राज्य सरकार पृथक धर्म के रूप में मान्यता दे। फारवर्ड प्रेस की खबर
डॉ. मोतीरावण कंगाली गोंडी भाषा, साहित्य, संस्कृति और धर्म के अध्येता रहे। उनके गहन शोधों के कारण भारत की गैर-आर्य संस्कृति और परंपराओं को लेकर आज नयी समझ बनी है। उनके बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सूर्या बाली
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक हीरा सिंह मरकाम का मानना है कि शिक्षा गोंड आदिवासियों के लिए सबसे जरूरी है। वे एक ऐसी शिक्षा का प्रस्ताव कर रहे हैं जो सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से उत्कृष्ट बनाए। सूर्या बाली की उनसे विशेष बातचीत
Intellectuals and social activists express their condolences over the passing of Lokesh Sori, who fought for cultural, social and political identity of Chattisgarh’s Adivasis. Sori died of cancer on 11 July
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक अस्मिता की लड़ाई लड़ने वाले लोकेश सोरी के निधन पर बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया है। लोकेश कैंसर से ग्रस्त थे। बीते 11 जुलाई को उनका निधन हो गया