सरकार और अदालतों ने कई बार स्पष्ट किया है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत पहले मामला दर्ज किया जाएगा और फिर उसकी जांच होगी। लेकिन सरकारी तंत्र अभी भी मनमानी कर रहा है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया। बता रहे हैं जैगम मुर्तजा
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लेखक अरविन्द जैन बता रहे हैं तमिलनाडु की जे. शर्मिला के बारे में जिन्होंने प्रसवाकाश को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी। यह लड़ाई उन्होंने जीती। लेकिन अब भी कानूनी उलझनें सुलझी नहीं हैं
मध्य प्रदेश में दलितों पर अत्याचार करने का आरोप दो आरोपियों को महंगा पड़ा। उन्हें निचली अदालतों ने बरी कर दिया था। वे जिला जज पद के लिए क्वालिफाई भी कर गए। परंतु हाईकोर्ट ने उन्हें साफ कहा कि बरी होने का मतलब चरित्रवान होना नहीं होता
जेएनयू और डीयू के छात्रों के विरोध और हाईकोर्ट से मिली फटकार के बाद लगता है सरकार को समझ में आया कि उच्च शिक्षा के साथ वह मजाक नहीं कर सकती है। एमफिल और पीएचडी के छात्रों के दाखिले के लिए अब 2016 की यूजीसी की अधिसूचना में दूसरी बार संशोधन होने जा रहा है। पूरा माजरा बता रहे हैं कमल चंद्रवंशी :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
फर्जी पुलिस एनकाउंटर के तर्ज पर झारखंड में पुलिस ने अपनी नाक ऊंची रखने के लिए क्या फर्जी सरेंडर कराया था? सीबीआई को इसी सवाल का जवाब खोजना है। झारखंड सरकार अड़ंगा डाल रही है। अब सबकी निगाहें झारखंड हाई कोर्ट पर टिकी है। फारवर्ड प्रेस की खबर
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। उस फैसले पर जिसके तहत सरकार द्वारा दुर्गापूजा आयोजन समितियों को दस-दस हजार रुपए अनुदान दिया जाना है। फिलहाल हाईकोर्ट ने सरकार को रूकने के लिए कहा है। फारवर्ड प्रेस की खबर