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बड़वानी जिले के जयस संगठन के प्रभारी राजू पटेल के मुताबिक पांचवीं अनुसूची का विरोध करने वाले संगठनों के अधिकतर लोग आरएसएस से जुड़े हुए हैं। आरएसएस के लोग आदिवासी क्षेत्रों में धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और षड्यंत्र के तहत आदिवासियों की संस्कृति, रीति-रिवाजों पर हमला कर रहे हैं।
सरकार और अदालतों ने कई बार स्पष्ट किया है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत पहले मामला दर्ज किया जाएगा और फिर उसकी जांच होगी। लेकिन सरकारी तंत्र अभी भी मनमानी कर रहा है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया। बता रहे हैं जैगम मुर्तजा
लेखक अरविन्द जैन बता रहे हैं तमिलनाडु की जे. शर्मिला के बारे में जिन्होंने प्रसवाकाश को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी। यह लड़ाई उन्होंने जीती। लेकिन अब भी कानूनी उलझनें सुलझी नहीं हैं
मध्य प्रदेश में दलितों पर अत्याचार करने का आरोप दो आरोपियों को महंगा पड़ा। उन्हें निचली अदालतों ने बरी कर दिया था। वे जिला जज पद के लिए क्वालिफाई भी कर गए। परंतु हाईकोर्ट ने उन्हें साफ कहा कि बरी होने का मतलब चरित्रवान होना नहीं होता
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
जेएनयू और डीयू के छात्रों के विरोध और हाईकोर्ट से मिली फटकार के बाद लगता है सरकार को समझ में आया कि उच्च शिक्षा के साथ वह मजाक नहीं कर सकती है। एमफिल और पीएचडी के छात्रों के दाखिले के लिए अब 2016 की यूजीसी की अधिसूचना में दूसरी बार संशोधन होने जा रहा है। पूरा माजरा बता रहे हैं कमल चंद्रवंशी :
फर्जी पुलिस एनकाउंटर के तर्ज पर झारखंड में पुलिस ने अपनी नाक ऊंची रखने के लिए क्या फर्जी सरेंडर कराया था? सीबीआई को इसी सवाल का जवाब खोजना है। झारखंड सरकार अड़ंगा डाल रही है। अब सबकी निगाहें झारखंड हाई कोर्ट पर टिकी है। फारवर्ड प्रेस की खबर
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। उस फैसले पर जिसके तहत सरकार द्वारा दुर्गापूजा आयोजन समितियों को दस-दस हजार रुपए अनुदान दिया जाना है। फिलहाल हाईकोर्ट ने सरकार को रूकने के लिए कहा है। फारवर्ड प्रेस की खबर
Of the around 297 journalists working in seven Hindi dailies of Patna, 237 are Savarnas, 41 OBCs, 7 EBCs and one is a Dalit. Brahmins form the biggest chunk. There are 105 (35 per cent) Brahmin journalists
बिहार में पटना के 7 हिंदी अखबारों में काम करने वाले तकरीबन 297 पत्रकारों में 237 सवर्ण जाति समूह के हैं, 41 पिछड़ी जाति के, 7 अति पिछड़ी जाति के और 1 पत्रकार दलित जाति के हैं। बिहार के इन हिंदी अखबारों में सवर्ण जाति समूह 80 प्रतिशत हैं; पिछड़ा 13 प्रतिशत, अति पिछड़ा 3 प्रतिशत और अज्ञात 4 प्रतिशत हैं। मीडिया में सर्वाधिक संख्या ब्राह्मण पत्रकारों की है। कुल 297 पत्रकारों में अकेले ब्राह्मणों की संख्या 105 है (35 प्रतिशत)। इसमें कायस्थ, राजपूत और भूमिहार जाति के पत्रकारों की संख्या जोड़ दी जाए तो सब मिलाकर यह 80 प्रतिशत हो जाता है
The higher judiciary seems to be in the hands of a few families. Even the government does not seem to be keen on ending this oligarchy, for its proposed reforms do not include reservations in the appointment of judges in the Supreme Court and the high courts
देश की उच्च न्यायिक संस्थायें कुछ घरानों के हाथों में सिमटी नजर आती हैं। इस कुलीनतंत्र को सरकार भी समाप्त नहीं करना चाहती। सरकार द्वारा प्रस्तावित सुधारों में आरक्षण नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करवाना शामिल नहीं हैं
When you set out to discover Valmiki’s caste, you won’t encounter facts but legends and myths. And you may encounter both kinds of legends – some which try to usurp exemplary characters from the margins and others belonging to the margins buried here and there
जब आप वाल्मीकि की जाति खोजने निकलेंगे तो आपको इतिहास के तथ्य नहीं बल्कि कहानियां मिलेंगी। इनमें शायद दोनों तरह की कहानियां मिलें उस वर्चस्ववादी संस्कृति की भी जो किसी भी श्रेष्ठ चरित्र पर अपनी जाति और पहचान की मुहर लगाने की कोशिश करती है और हाशिए पर पड़े उन समुदायों की भी जिनकी कहानियां चुपचाप यहां-वहां दबी मिलती हैं